सजा मुझे क्यों (कहानी) - प्रफुल्ल सिंह "बेचैन कलम" (Saja Mujhe Kyo) साहित्य जन मंथन

सजा मुझे क्यों (कहानी) – प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम” (Saja Mujhe Kyo)

कहानी शीर्षक : सजा मुझे क्यों (Saja Mujhe Kyo) [ शिल्पा ने कहा, ”मैं अपने रिश्ते की नींव झुठ के सहारे नहीं रखना चाहती। इसलिए मैं जो बात बताउंगी वह जानने के बाद भी यदि आप मुझ से शादी करने तैयार हैं..] आज पंकज को शिल्पा से मिलने मॉल जाना आगे पढ़ें..

बापूधाम एक्सप्रेस (कहानी) साहित्य जन मंथन

बापूधाम एक्सप्रेस (कहानी)

सुबह की हल्की भीनी-भीनी किरणों में बैठकर कितना अच्छा महसूस हो रहा है। पीछे की बालकनी में पड़े ईज़ी चेयर में बैठकर पैरों के सहारे धीरे-धीरे कुर्सी में हिलते हुए मैं बेहद शांत महसूस कर रहा हूँ। रात में आये सारे दोस्त डिनर के बाद चले गए थे। बेडरूम में आगे पढ़ें..