राधे फ़िल्म समीक्षा: संगीता (Radhe Movie Review – Sangeeta)

राधे फ़िल्म समीक्षा: संगीता (Radhe Movie Review - Sangeeta) साहित्य जन मंथन

Radhe Movie Review – Sangeeta

पिछले कुछ सालों से हर वर्ष सलमान खान की फिल्में दर्शकों के लिए ईद का तोहफा होती हैं। उन्होंने दर्शकों/शुभ चिंतकों का मन भांप लिया है| इसलिए अपनी अधिकांश फिल्में ईद के दौरान रिलीज़ करते रहे हैं| वांटेड, एक था टाइगर, किक, बजरंगी भाईजान जैसे आधा दर्जन से अधिक फ़िल्में इसी त्यौहार पर रिलीज हुई हैं| कोरोना काल में भी उनका अपने दर्शकों के प्रति प्रेम एवं लगाव बना हुआ है। उन्होंने अपने दर्शकों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए इस बार भी अपनी फ़िल्म “राधे : द मोस्ट वांटेड कॉप” ईद के मौके पर रिलीज़ की।
यह फ़िल्म कोरियाई फ़िल्म ‘ द आउट लॉज’ का हिंदी रीमेक है, जिसे प्रभु देवा ने निर्देशित किया है। निर्माता के रूप में सलमान खान, सोहेल खान, अतुल अग्निहोत्री रहे हैं, एवं सलमान खान, दिशा पाटनी, रणदीप हुड्डा, जैकलीन फर्नांडिस द्वारा अभिनीत किया गया है।
फ़िल्म की कहानी मुम्बई नगर की है। जहाँ राणा (रणदीप हुड्डा) ड्रग्स माफिया के बादशाह है। उन्होंने मुम्बई के लोगों पर नशे को हावी बना दिया है, साथ ही पूरे शहर में अपराध को बढ़ाने में भी उनका हाथ है। राणा अपराध को इसलिए बढ़ाते हैं ताकि पूरे शहर पर उनका प्रभाव बना रहे।
मुम्बई को क्राइम से मुक्ति दिलाने में वहाँ का पुलिस विभाग लगा हुआ है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती है| क्योंकि इस तरह के प्रायोजित अपराध को खत्म करने के लिए विशेष पुलिसिया रणनीति और अफसर की आवश्यकता होती है| इसलिए पुलिस विभाग द्वारा यह ज़िम्मेदारी विभाग के चर्चित अफसर राधे ( सलमान ख़ान) को सौंपी जाती है। राधे एक सस्पेंडेड पुलिस अफ़सर है, जिसका किसी भी कार्य को करने का अपना अलग अंदाज़ है। इस फिल्म में राधे अपने चिरपरिचित ‘मासी एक्शन अवतार’ में नज़र आये हैं। जिसने बीते 10 वर्ष में 97 एनकाउंटर किये हैं और 23 बार सस्पेंडेड हुआ है।


मुम्बई को क्राइम और ड्रग्स माफिया की गिरफ्त से मुक्त कराने के लिए राधे अपने अंदाज़ में कार्य को करता है। वह बदमाशों की जमकर पिटाई करता है एवं मजबूरों और लाचारों की सहायता भी करता है।
इन सबसे अलग राधे का नया रूप भी है, जो रोमांटिक है। वह अपने बॉस (जैकी श्रॉफ) की बहन दीया (दिशा पाटनी) से प्रेम करता है| उस जगह उसका अंदाज़ बहुत निराला है|
फ़िल्म में राधे के दमदार एक्शन के साथ उसका चमत्कारिक रूप भी दिखाई देता है। वह बदमाशों की धुनाई तो करते हैं, लेकिन उनपर बदमाशों द्वारा पलटवार का कोई असर नहीं होता| बल्कि कह सकते हैं कि यहाँ वह देव पुरुष की भांति दिखाई देते हैं| उनका यह चरित्र ऐसा है जो व्यावहारिक और वास्तविकता से दूर हमें काल्पनिक कथाओं में अधिक देखने को मिलता है।
आप तो जानते हैं कि ऐसी फिल्मों में बिना गाने के बात नहीं बनती| इस फ़िल्म में 4 गाने हैं| इनमें से साजिद वाजिद का टाइटल ट्रैक और ‘दिल दे दिया’ दर्शकों द्वारा पसंद किया गया है। इसके अलावा सीटी मार गाने में सलमान खान एवं दिशा पाटनी है। फिल्म की कोरियोग्राफी भी उसकी स्टोरी जैसी ही है|
प्रभु देवा अपने दमदार डांस और एक्शन के लिए जाने जाते है। उन्होंने इस फ़िल्म के निर्देशन में भी इसका प्रयोग किया है। जो फ़िल्म की कहानी और कलाकारों को अधिक उभारते नज़र आये हैं।
सलमान खान अपनी दबंगई, सुपर पावर, स्वैग आदि के लिए जाने जाते है। वे दबंग 3 के बाद फिर से राधे के माध्यम से पुलिसिए किरदार में नज़र आते है। जिसका खतरनाक एवं स्टाइलिश एक्शन दर्शकों को आकर्षित करता है।
बॉलीवुड फ़िल्म में एक्शन और डायलॉग्स की महत्ता को सर्वोपरि माना जाता है और सलमान खान अपने दर्शकों को इन चीज़ों में कभी निराश नहीं करते। फ़िल्म राधे के माध्यम में भी वे इन दोनों पैमानों पर खरे उतरे है। इसके अलावा फ़िल्म में हास्य संवादों का भी प्रयोग किया गया है, परन्तु यह हर स्थान पर कारगर साबित होती नहीं दिखाई देती।

राधे फ़िल्म समीक्षा: संगीता (Radhe Movie Review - Sangeeta) साहित्य जन मंथन

संगीता

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